यमुनानगर, 13 अक्तूबर( )-जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूख अब्दुल्ला ने चीन की मदद से धारा-370 को फिर से जम्मू-कश्मीर में वापस लाने के ब्यान को राष्ट्र द्रोही बताते हुए केंद्रीय राज्य जलशक्ति सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री रतनलाल कटारिया ने कहा
कि फारूक अब्दुल्ला के इस ब्यान से बिल्ली थैले से बाहर आ गई है। उन्होंने कहा कि कौन नहीं जानता कि चीन अपनी विस्तार वादी नीतियों के परिणाम स्वरुप भारत के एलएसी पर एक षड्यंत्र के तहत सीमा विवाद खड़ा कर रहा है एक तरफ तो सारा राष्ट्र चीन की विस्तार नीतियों का दृढ़ता से सामना कर रहा है।
रतन लाल कटारिया ने कहा कि कौन नहीं जानता कि फारुख अब्दुल्ला भी अपने स्वर्गीय पिता शेख अब्दुल्ला की बोली बोलने लगे हैं। कश्मीर में पिछले 20 वर्षों से आतंकवाद का जो नंगा नाच हो रहा है उसके पीछे शेख अब्दुल्ला और फारुख अब्दुल्ला जैसे लोगों का ही हाथ है। उन्होंने कहा कि धारा 370 के कारण फैले आतंकवाद ने ना केवल भारत को बल्कि विश्व की मानवता को ललकारा है। उन्होंने कहा कि भारत का संविधान हमारे लोकतंत्र की आत्मा है धारा 370 हमारे संविधान की आत्मा पर प्रहार करने लगी थी जिसे भारत की संसद ने 15 अगस्त 2019 को समाप्त कर दिया।
रतन लाल कटारिया ने कहा कि देश कैसे भूल सकता है कि जो लोग पिछले 74 सालों से जम्मू कश्मीर में लहूलुहान हो रहे हैं देश उन बहादुर नागरिकों, पुलिस कर्मियों, सुरक्षा कर्मियों को देश कभी नहीं भूल सकता जिन्होंने कश्मीर को बचाने में अपनी जान ग्वाई हम उनको नमन करते हैं। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में फैल रहे आतंकवाद ने विश्व की मानवता को ललकारा था। आतंकवाद ने मानवतावाद को चुनौती दी थी। धारा 370 को समाप्त करके हमने उनके नापाक इरादों को ध्वस्त कर दिया है।
श्री कटारिया ने कहा कि चाहे चीन की विस्तार वादी नीतियों को मद्देनजर रखते हुए हमने ऑस्ट्रेलिया, जापान, यूएसए के साथ मिलकर एक नीतिगत रणनीति अपनाई है, जो ना केवल क्षेत्र में शांति स्थापित करेगी बल्कि चीन की विस्तार वादी नीतियों पर भी नजर रखेगी। उन्होंने कहा कि फारुख अब्दुल्ला इस प्रकार के राष्ट्र विरोधी ब्यान देकर आग से खेलने का काम ना करें।

