यमुनानगर:-संत निरंकारी मिशन द्वारा निरंकारी श्रद्धालुओ ने किया 150 युनिट रक्त दान।
कोरोना महामारी के चलते सामाजिक दूरी का रखा गया विशेष ध्यान।
यमुनानगर, 16 नवम्बर ( ) ’रक्त नालियों में नही बल्कि इंसानी नाड़ियों में बहे’ निरंकारी बाबा हरदेव सिंह महाराज द्वारा कहे गए इन वचनों को चरित्रार्थ करते हुए मानव सेवा के लिए हमेशा से तत्पर संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन द्वारा स्थानीय संत निरंकारी सत्संग भवन में एक विशेष रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें यमुनानगर के विधायक घनश्याम दास अरोड़ा ने मुख्यातिथि व रक्तदान शिविर का उदघाटन अपने कर कमलों से किया। वशिष्ठ अतिथि के रूप में जोनल इंचार्ज सुरेन्द्र पाल व क्षेत्रिय संचालक सुरेश कुमार ने शिरकत की। मुख्यातिथि का स्वागत संयोजक बलदेव सिंह ने किया।
इस अवसर पर निरंकारी भाई-बहनों ने बढ़-चढ़ कर रक्तदान किया। इस शिविर में लगभग 150 यूनिट से अधिक रक्त जिला रैड क्रास सोसाइटी द्वारा एकत्रित किया गया। इस अवसर पर रक्तदाताओं को धन्यवाद कार्ड, प्रमाण पत्र व पौष्टिक आहार दिया गया। मुख्यातिथियों द्वारा रक्तदाताओं के बीच जाकर उन्हें बैच लगाकर सम्मानित किया गया। इस रक्त दान शिविर में नोवल कोरोना वायरस की विश्व व्यापी महामारी के चलते सोशल डिस्टैंिसंग का विशेष रूप से ध्यान रखा गया। सभी रक्तदाताओ का थर्मल स्कैंिनंग द्वारा तापमान चैक कर हाथों को सैनिटाईज करवा कर उचित दूरी बना कर रक्तदान करवाया गया। इस अनुशासन व सोशल डिस्टैसिंग की मुख्यातिथि ने भी भूरि-भूरि प्रशंसा की। इस शिविर में सेवादल के भाई-बहनों ने भरपूर योगदान दिया।
विधायक घनश्याम दास अरोड़ा ने कहा कि रक्तदान जीवन दान है। इंसान का रक्त ही इंसान की जान बचा सकता है इसका और कोई विकल्प नही है। उन्होंने मिशन के समाजिक कार्यो रक्तदान शिविर, स्वच्छता अभियान, बेटी बचाओं-बेटी पढाओं व प्राकृतिक आपदाओं में सहायता जैसे कार्यो की भूरि-भूरि प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि निरंकारी बाबा हरदेव सिंह जी महाराज का यह कथन कि रक्त नालियों में नही, अपितु इंसान की नाडियों में बहे को चरितार्थ कर रहे है और मानव सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है। रैडक्रास सचिव ने कहा कि निरंकारी मिशन हर समय मानव सेवा के लिए तैयार रहता है।
जोनल इंचार्ज सुरेन्द्र पाल ने कहा कि मानव सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है। प्रशासन के विशेष आग्रह पर यह विशेष रक्तदान शिविर लगाया गया है। प्रैस प्रवक्ता ने बताया कि संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन द्वारा 1986 से 2020 तक लगभग 6000 रक्तदान शिविरों में लगभग 10 लाख यूनिट से अधिक रक्त एकत्रित किया जा चुका है और यह प्रक्रिया निरंतर जारी है।





