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यमुनानगर:सेवा का पर्याय बन चुकी भारत विकास परिषद शाखा यमुनानगर ने आज निरंकारी भवन में संगत सदस्यों को तुलसी के सौ पौधों के साथ तुलसी के उपयोगों से सम्बंधित तथ्यात्मक विवरशा की एक पुस्तक वितरित की।

यमुनानगर:सेवा का प्रायय बन चुकी भारत विकास परिषद शाखा यमुनानगर ने आज निरंकारी भवन में संगत सदस्यों को तुलसी के सौ पौधों के साथ तुलसी के उपयोगों से सम्बंधित तथ्यात्मक विवरशा की एक पुस्तक वितरित की। सरंक्षक डॉ. हर्षवर्धन ने परिषद के कार्यकलापों पर प्रकाश डाला। रादौर रोड़ पर स्थित परिषद के हस्पतालों जहां बहुत कम पैसों से फिजियोथेरपी, डैन्टल चिकित्सा कम्पयूटराईज लैब व अन्य रोगौ का ईलाज किया जाता है। अध्यक्ष व प्रकाश प्रमुख विनोद कुुमार भाटिया ने विभिन्न रोगों में तुलसी के उपयोगें बारे बताया। तुलसी की 60 प्रजातियों व प्रमुख 9 प्रकारों या श्याम तुलसी व रामा तुलसी कें प्रयोगो कें बारे बताया। सर्दियों में प्राय: तुलसी के पौधे सूूख जाते है। इन्हें सूखने से बचानें के लिए बताया कि पौधो को ओस से बचाने के लिए कपडे से ढक कर रखे। मन्जरी को तोड़ कर इकठ्ठïा कर ले पौधों में रहने दें। हर गमले में एक चाक मिट्टïी में डुबो कर रखे। ऐसा करने से नये-नये पत्ते उगते रहेगेंं व सर्दी में भी पौधा हरा-भरा रहेगा। गमले में मिट्टïी पूरी सूखने पर तीन-चार दिन बाद पानी दें। उपाध्यक्ष पुरी ने बताया कि तुलसी का पौधा बेेजोड़ व पवित्र है जो हर घर में होने पर व इसके दर्शन से सब पाप नष्टï हो जाते है। तभी तो हर चिकित्सा पद्घति में इसका उपयोग होता है। इस प्रकल्प को सफल बनाने में सहयोग दिया भारत भूषण शर्मा, पुरूषोतम लाल परूथी, श्रीमती सुषमा जैन, नीना सौन्धी, कुंसम भटिया आदि ने।

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