हरियाणा के यमुनानगर में शहीद उधम सिंह सर्व कंबोज सभा द्वारा शहीद उधम सिंह जयंती मनाई गई मुख्य अतिथि के रूप में हरियाणा के शिक्षा मंत्री चौधरी कंवर पाल गुज्जर मौजूद रहे
December 26, 2021
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यमुनानगर:-शिक्षा मंत्री हरियाणा चौधरी कंवरपाल गुर्जर ने काम्बोज सभा यमुनानगर को 11 लाख रूपये तथा कुरुक्षेत्र काम्बोज सभा को 5 लाख रूपये देने की घोषणा की
काम्बोज समाज द्वारा शहीद उधम सिंह जयंती के उपलक्ष में जिला स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन पंचायत भवन के नजदीक गोविंदपुरा में आयोजित किया गया जिसमें हरियाणा के शिक्षा एवं वन मंत्री चौधरी कंवर पाल गुर्जर ने मुख्यातिथि के रुप में शिरकत की
पूर्व मंत्री एवं ओ.बी.सी. मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष कर्ण देव काम्बोज, यमुनानगर के विधायक घनश्याम दास अरोड़ा, हरियाणा व्यापारी कल्याण बोर्ड के चेयरमैन राम निवास गर्ग, नगर निगम के मेयर मदन चौहान, चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय एवं गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय हिसार के कुलपति डा. बी.आर. काम्बोज,यमुनानगर एसपी कमलदीप गोयल,महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष पार्षद चेयरपर्सन प्रीति जौहर ने विशिष्ट अतिथि के रूप में शिरकत की तथा पंचायत भवन गोविंदपुरा के सामने शहीद ऊधम सिंह काम्बोज स्मारक स्थल पर उनकी प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर नमन किया गया।
शहीद उधम सिंह के जन्म दिवस समारोह में बोलते हुए हरियाणा के शिक्षा एवं वन मंत्री कंवर पाल ने कहा कि वीर उधम सिंह जी ने 21 वर्ष बाद जलियांवाला बाग के नरसंहार का बदला लंदन में जाकर लिया। उन्होंने कहा कि यदि सभी महापुरुषों और वीरों को याद करेंगे तो उनके जीवन से हमें प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने कहा कि वीर शिवाजी, श्री गुरू गोबिन्द सिंह, महाराणा प्रताप के साथ-साथ असंख्य वीरों ने देश को गुलामी की जंजीरों से आजाद करवाने के लिए लड़ाईयां लड़ी और अपने प्राण न्योछावर किए।
शिक्षा मंत्री कंवरपाल ने कहा कि वीर सावरकर भी ऐसे ही क्रांतिकारी थे और क्रांतिकारियों के जीवन आदर्शों और उनके द्वारा लिखी गई पुस्तकों से भी हमें प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इतिहास कुछ और था और लिखा कुछ और गया है तथा अब नया इतिहास सामने आ रहा है, जिससे बच्चों को प्रेरणा लेनी चाहिए ताकि सभी का आत्मविश्वास बढ़े। उन्होंने कहा कि आज भी अन्य देशों जैसे फ्रांस, जर्मन, रूस आदि में लोग अपनी भाषा में ही बात करना पसंद करते हैं। उसी प्रकार भारत के प्रधानमंत्री भी हिंदी में ही बात करते हैं। उन्होंने गुरू गोबिंद सिंह के पुत्रों के बलिदान को भी याद किया और कहा कि सभी वीरों के जीवन से हम सभी को शिक्षा व प्रेरणा लेनी चाहिए