हरियाणा :-हिंदुस्तान ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के आदर्शों पर चलकर एवं माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सफल नेतृत्व में खुले में शौच से आजादी प्राप्त कि अब देश संपूर्ण स्वच्छता की ओर बढ़ रहा है यह शब्द कहें केंद्रीय जल शक्ति राज्यमंत्री रतनलाल कटारिया ने ,
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के 151वें जन्म दिवस के शुभ अवसर पर जल शक्ति मंत्रालय के पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की ओर से स्वच्छ भारत दिवस 2020 पर आयोजित कार्यक्रम में केन्द्रीय कैबिनेट मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के साथ कार्यक्रम में पहुंचें केंद्रीय जल शक्ति राज्य मंत्री रतनलाल कटारिया ने कहा कि सर्वविदित है कि 15 अगस्त 1947 को देश को आजादी मिली थी ,लेकिन आधुनिक राष्ट्र की कतार में आने के लिए हमें कई आंदोलनों से गुजरना था ,कई क्षेत्रों में हमें आजादी की जरूरत थी ,अनेक चुनौतियां हमारे सामने थी ,देश में हमने महात्मा गांधी के द्वारा आजादी के पूर्व स्वच्छता हेतु किए गए दूरदर्शी कार्यों और योगदान को ध्यान में रखते हुए उनके जन्मदिवस पर उन्हें सादर नमन करते हुए स्वच्छ भारत दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया, 2 अक्टूबर 2014 को प्रथम स्वच्छ भारत दिवस का आयोजन कर संपूर्ण स्वच्छता के प्रण को दोहराया गया ,केंद्रीय जल शक्ति राज्य मंत्री रतनलाल कटारिया ने कहा कि मुझे खुशी है कि हममें से बहुत से लोगों ने इस दिशा में कार्य करना शुरू कर दिया है, यह कठिन कार्य हम सभी के सामूहिक प्रयासों से ही सफल होगा ,केंद्रीय जल शक्ति राज्य मंत्री रतनलाल कटारिया ने कहा कि आज पुरस्कार प्राप्त करने वाले सभी प्रतिभागियों को मैं स्वच्छता के क्षेत्र में काम करने और पुरस्कार जीतने पर बधाई देता हूं, स्वच्छता के सेनानियों जिन्होंने इस कार्यक्रम अभियान में बढ़-चढ़कर भाग लिया उन सभी का सादर आभार भी व्यक्त करता हूं ,जिन प्रतिभागियों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया परंतु आज वे कोई पुरस्कार प्राप्त नहीं कर पाए में उनके योगदान को भी स्वीकार करता हूं और उन्हें विशेष रूप से धन्यवाद करता हूं ,मंत्री रतनलाल कटारिया ने कहा कि मेरा आप सभी से अनुरोध है कि आप सभी स्वच्छता के समायोजन में अपनी आहुति डालते रहें और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत के सपने को साकार करने में अपना बहुमूल्य योगदान दें उन्होंने कहा कि हम अपना संकल्प ले कि हम अपने घर ,गली ,मोहल्ले को और पर्यावरण को स्वच्छ रखेंगें व जल को व्यर्थ नहीं बहनें देंगे

