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यमुनानगर,15 अक्तूबर( )चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के स्थानीय कृषि विज्ञान केंद्र दामला द्वारा 15 अक्तूबर 2020 को महिला किसान दिवस का आयोजन किया गया। इस अवसर पर आईसीडीएस सुपरवाइजर डॉ. पंकेश, विरिष्ठ संयोजक डॉ. एनके गोयल उपस्थित रहे।

यमुनानगर,15 अक्तूबर(         )चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के स्थानीय कृषि विज्ञान केंद्र दामला द्वारा 15 अक्तूबर 2020 को महिला किसान दिवस का आयोजन किया गया। इस अवसर पर आईसीडीएस सुपरवाइजर डॉ. पंकेश, विरिष्ठ संयोजक डॉ. एनके गोयल उपस्थित रहे। 



डा. पंकेश ने महिलाओं का आह्वान करते हुए संदेश दिया कि महिलाओं को अपने परिवार के सदस्यों के शारीरिक व मानसिक विकास के लिए संतुलित पोषण का विशेष ध्यान देना चाहिए। उन्होंने बताया कि संतुलित पोषण ने लेने के कारण मनुष्य में विभिन्न प्रकार के विकार आ जाते हैं जिससे खून की कमी, शरीर का पूर्ण विकास न होना, हड्डियां कमजोर रह जाना, शारीरिक व मानसिक विकास न होना, कुपोषण का शिकार हो जाना, रोग रोधक क्षमता में गिरावट हो जाना आदि। 
कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ संयोजक डॉ. एनके गोयल ने महिलाओं को गृह उद्यान के बारे में विस्तार पूर्वक बताया। उन्होंने बताया कि गृह उद्यान लगाने से घर में उपयोग की जाने वाली सब्जियां रसायन मुक्त होने के साथ-साथ परिवार के लिए कम लागत पर अच्छी गुणवत्ता की सब्जियां उपलब्ध हो जाती हैं तथा जिससे परिवार के सदस्यों के लिए मनोरंजन व गृह सौंदर्य बढ़ाने में भी बढ़ोतरी होती है। 
डा. अनिल कुमार ने महिलाओं को महिलाओं में होने वाले विभिन्न प्रकार के विकारों में बीमारियों के बारे में विस्तार पूर्वक बताया। उन्होंने बताया कि ज्यादातर महिलाएं एनीमिया खून की कमी का शिकार हो रही है, क्योंकि महिलाएं हरी पत्तेदार सब्जियों को खाने में कम सम्मिलित करती है। हरी पत्तेदार सब्जियों में लोहा तत्व भरपूर मात्रा में होता है, जो खून की कमी को पूरा करने के साथ-साथ विभिन्न प्रकार के विटामिंस भी शरीर को प्रदान करता है, जो रोगों से लडऩे की क्षमता भी प्रदान करते हैं। उन्होंने बताया कि महिलाएं जो बच्चों को स्तनपान कराती हैं, वह महिलाएं हरी पत्तेदार सब्जियां जरूर खाएं जैसे पालक, मेथी, धनिया, बथुआ, चौलाई, साग आदि। 
प्रशिक्षण सहायक डा करण सैनी ने महिलाओं को संतुलित पोषण के बारे में विस्तार से समझाया उन्होंने बताया कि हमारे भोजन में मुख्य 7 घटक उपस्थित होते हैं जैसे कि प्रोटीन, विटामिन, कार्बोहाइड्रेट्स, खनिज तत्व, वसा, रैसे व पानी। उन्होंने बताया कि प्रोटीन व वसा हमारे शरीर के विकास के लिए आवश्यक होते हैं, जो दूध, घी, तेल, हरी सब्जियां से प्राप्त होते हैं। कार्बोहाइड्रेट्स हमें ऊर्जा प्रदान करते हैं जो शरीर की क्रियाशीलता में अति आवश्यक होते हैं जैसे आलू, शकरकंद, केला विभिन्न प्रकार के फल व सब्जियों में उपस्थित होते हैं। विटामिन व खनिज तत्व शरीर के अच्छे रखरखाव वह रोगों से लडऩे की क्षमता प्रदान करते हैं जो दूध, सब्जी, सूखे फल व हरे पत्तेदार सब्जियों में भरपूर मात्रा में उपस्थित होते हैं। 
उन्होंने यह भी बताया कि संतुलित आहार इन्हीं भोजन के सात घटकों को सही मात्रा व सही समय पर लेने से संतुलित आहार का निर्माण होता है जो विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों में उपस्थित होते हैं। उन्होंने महिलाओं को बताया कि एक स्वस्थ महिला को कम से कम 300 ग्राम दूध, 400 ग्राम अनाज जैसे चावलए गेहूं, मक्का 300 ग्राम सब्जियां जिनमें 100 ग्राम हरे पत्तेदार सब्जियां, 100 ग्राम दाल,100 ग्राम अन्य सब्जियां अवश्य भोजन में खानी चाहिए। इस अवसर पर डा. अंकुश काम्बोज, डा. गोविंद प्रसाद, डा. अजीत व 60 महिलाएं उपस्थित रही।

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