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हरियाणा/यमुनानगर:-गांव करेड़ा खुर्द स्थित राजकीय उच्च विद्यालय में स्वास्थ्य विभाग की तरफ से क्षय रोग जागरूकता कार्यक्रम व पेंटिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। पेंटिंग प्रतियोगिता में प्रतिभा रही प्रथम मधु दूसरे व खुशी की पेंटिंग ने पाया तीसरा स्थान

हरियाणा/यमुनानगर:-गांव करेड़ा खुर्द स्थित राजकीय उच्च विद्यालय में स्वास्थ्य विभाग की तरफ से क्षय रोग जागरूकता कार्यक्रम व पेंटिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। पेंटिंग प्रतियोगिता में प्रतिभा रही प्रथम मधु दूसरे व खुशी की पेंटिंग ने पाया तीसरा स्थान।


कार्यक्रम के तहत क्षय रोग जागरूकता से संबंधित पेंटिंग प्रतियोगिता में स्कूल के विद्यार्थियों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नाहरपुर की मेडिकल ऑफिसर डॉ. गोल्डी सयाल ने शिरकत की और अध्यक्षता हिंदी प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा ने की।पेंटिंग प्रतियोगिता में नौवीं कक्षा की छात्रा प्रतिभा ले पहला स्थान पाया। मधु दूसरे और खुशी की पेंटिंग तीसरे स्थान पर रही। प्रतियोगिता में महक, सिमरन, प्रिया, मुस्कान, भावना, मीनाक्षी, अनु, सलोनी और तृप्ति की पेंटिंग भी सराही गई। डॉ. गोल्डी सयाल,  सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर (क्षय रोग) रवीन्द्र कुमार और  एलएचवी मीना ने स्वास्थ्य विभाग की तरफ से सभी विद्यार्थियों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया। 

डॉक्टर गोल्डी सयाल ने विद्यार्थियों को क्षय रोग के लक्षण एवं उपचार के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि  क्षय रोग या टीबी को आमतौर पर फेफड़ों की बीमारी माना जाता है लेकिन यह है शरीर के सभी अंगों पर बुरा प्रभाव डालती है। सभी सरकारी अस्पतालों में टीबी की जांच और उपचार मुफ्त किया जाता है। साथ ही सभी टीबी मरीजों को निक्षय पोषण योजना के तहत ₹500 की सहायता भी प्रदान की जाती है। भारत सरकार ने 2025 तक टीबी को पूर्णतया समाप्त करने का लक्ष्य रखा है। यह लक्ष्य तभी पूरा होगा जब लोगों में जागरूकता होगी।फास्ट फूड बन रहा बिमारियों का कारण: अरुण:-हिंदी प्राध्यापक अरुण कैहरबा ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि टीबी सहित सभी बीमारियों को हराकर हम अपने देश को विजयी बना सकते हैं। इसके लिए विद्यार्थियों को अच्छा एवं पौष्टिक भोजन लेना चाहिए। उन्होंने पोषण रोहित फास्ट फूड के बढ़ते प्रचलन पर चिंता जताते हुए कहा कि अधिकतर फास्ट फूड में फूड वैल्यू कुछ भी नहीं होती। अस्वच्छ वातावरण में बनाई जा रही चटपटी चीजों का अत्यधिक इस्तेमाल हमें गंभीर बीमारियों की चपेट में ला सकता है।इस मौके पर प्राध्यापक संदीप कुमार, ईएचएम विष्णु दत्त, विज्ञान अध्यापक ओमप्रकाश कंबोज, अध्यापिका सुखिंदर कौर, रजनी शास्त्री, वंदना शर्मा, वीरेंद्र कुमार, किशोरी लाल उपस्थित रहे।


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