यमुनानगर:-गुरू नानक गर्ल्स कॉलेज में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 पर पांच दिवसीय पावर प्वाइंट प्रेजेन्टेशन कार्यक्रम का हुआ आयोजन,नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर विस्तार से की चर्चा
नई शिक्षा नीति विद्यार्थियों के लिए एक नई उम्मीद और सुनहरा भविष्य साबित हो सकती है: गांधी
यमुनानगर, 27 फरवरीः संतपुरा स्थित गुरू नानक गल्र्स कॉलेज में आईक्यूएसी की ओर से राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 पर पांच दिवसीय पावर प्वाइंट प्रेजेन्टेशन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम संयोजिका रचना आनंद और डॉ वंदना सिंह ने बताया कि कॉलेज निदेशक डॉ वरिन्द्र गांधी और प्रिंसिपल डॉ अनु अत्रेजा के निर्देशन में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस दौरान नई शिक्षा नीति पर विस्तार से चर्चा की गई। इस अवसर पर डॉ वरिन्द्र गांधी ने कहा कि देश में करीब 34 सालों बाद राष्ट्रीय शिक्षा नीति बनाई गई है। कई दशकों से इस क्षेत्र में कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ था। नई शिक्षा नीति विद्यार्थियों के लिए एक नई उम्मीद और सुनहरा भविष्य साबित हो सकती है।डॉ अनु अत्रेजा ने कहा कि इसका मुख्य उद्देश्य भारत में प्रदान की जाने वाली शिक्षा को वैश्विक स्तर पर लाना है। जिससे कि भारत एक वैश्विक ज्ञान महाशक्ति बन सके। नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के माध्यम से शिक्षा का सार्वभौमीकरण किया जाएगा। इसमें पुरानी एजुकेशन पॉलिसी में काफी सारे संशोधन किए गए हैं। जिससे कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार आएगा, बच्चे अच्छी शिक्षा प्राप्त कर पाएंगे और वे आत्मनिर्भर बन सकेंगें। प्रोफेसर डॉ गुरजिन्द्र ने कहा कि इसके अंतर्गत राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल का विस्तार किया जाएगा। इस पोर्टल के माध्यम से बच्चों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। जिससे कि बच्चे पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित हो और उनकी प्रगति हो। प्राइवेट एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन को भी प्रोत्साहित किया जाएगा ताकि वह अपने बच्चों को छात्रवृत्तियां प्रदान करें।प्रोफेसर शर्मिला ने कहा कि इसके अंतर्गत सस्ती लागत पर अच्छी शिक्षा प्रदान करने वाला एक वैश्विक अध्ययन स्थल के रूप में भारत को बढ़ावा दिया जाएगा। इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक संस्थान में विदेशी छात्रों की मेजबानी करने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय छात्र कार्यालय की स्थापना होगी। प्रोफेसर शक्ति ने कहा कि इसके तहत नेशनल रिसर्च फाउंडेशन की स्थापना करी जाएगी। जिसके माध्यम से शोध की संस्कृति को सक्षम बनाया जाएगा। नेशनल रिसर्च फाउंडेशन की स्थापना से भारत में शोधकर्ताओं को बढ़ावा दिया जाएगा। जिससे नई नई रिसर्च सामने आएंगी जो देश की प्रगति में बहुत महत्वपूर्ण साबित होंगी। इसके अंतर्गत बोर्ड परीक्षा का महत्व घटाया गया है। जिससे कि बच्चों के अंतर्गत तनाव में कमी आएगी। अब बोर्ड की परीक्षा दो भागों में आयोजित की जाएगी। नई शिक्षा नीति के अंतर्गत ज्ञान बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा।डॉ अमिता रेडू ने कहा कि इसके अंतर्गत पाठ्यक्रम को भी कम किया जाएगा। केवल इतना ही पाठ्यक्रम रखा जाएगा जो अनिवार्य है। इसी के साथ क्रिटिकल थिंकिंग पर ज्यादा ध्यान दिया जाएगा। इस योजना के अंतर्गत टेक्नोलॉजी के माध्यम से जैसे कि टीवी चैनल, ऑनलाइन बुक, एप आदि से भी पढ़ाई को बढ़ावा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह एजुकेशन पॉलिसी सरकार का क्रांतिकारी फैसला है जो कि भविष्य में छात्रों को बहुत लाभदायक साबित होगा। कार्यक्रम को सफल बनाने में प्रोफेसर डॉ गीतू, डॉ सुखविन्द्र, कुलजीत, संगीता, मुन्नी देवी, शम्मी और अनु का सहयोग सराहनीय रहा।




