यमुनानगर, 4 मार्च( )-ग्रे-पलिकन यमुनानगर में सिविल सर्जन डॉ. विजय दहिया की अध्यक्षता में उप-सिविल सर्जन टीबी डा0 चारू कालरा द्वारा एनटीईपी द्वारा टीबी रोग पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्याशाला में जिले की सभी स्वस्थ्य संस्थाओं से सीएचओ, डीईएचओ एएमओ, एचएमओ आरकेएसके, आरबीएसके स्टाफ एवं बीएमएस चिकित्सकों ने भाग लिया
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सिविल सर्जन डा0 विजय दहिया ने कार्याशाला में मौजूद सभी डाक्टर व स्टाफ को टीबी रोग के बारे में जागरूक किया ताकि टीबी नोटिफिकेशन बढाया जा सके और छिपे हुए मरीजों की जॉच करके उनको ईलाज पर लाया जा सके। भारत सरकार ने 2025 तक टीबी को भारत से खत्म करने का लक्ष्य रखा है जो तभी सम्भव हो पाएगा जब सभी लोग टीबी रोग के प्रति जागरूक होगें इस बीमारी को खत्म करने में हर डाक्टर की जिम्मेवारी बढ जाती है। उन्होंने बताया कि टीबी के लक्षण वाले ज्यादा से ज्यादा लोगों को नजदीक की प्रयोशाला में भेजे ताकि समय रहते उनका ईलाज शुरू किया जा सके। उन्होने अपना पुराना अनुभव भी सांझा किया और उदाहरण देकर टीबी रोग को नियंत्रित करने का तरीका बताया।
डा0 चारू कालरा उप-सिविल सर्जन ने सभी को टीबी रोग के उपर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यदि टीबी रोगी का समय पर ईलाज नही किया जाए तो वह व्यक्ति 10 से 15 व्यक्तियों में टीबी फैला सकता है यदि कोई व्यक्ति किसी टीबी के लक्षण वाले मरीज की जॉच करवाता है और उसको टीबी निकल आती है तो जॉच करवाने वाले व्यक्ति को 500 रूपए दिए जाते है और टीबी मरीज को ईलाज के दौरान हर महिने 500 निक्षया पोषण योजना के अर्तगंत मिलते है। उन्होंने बताया कि सभी सीएचसी/पीएचसी के अर्तंगत जितने भी टीबी के मरीज चल रहे है, उनको परामर्श दे कि दवाई बीच में ना छोडें यदि दवाई बीच में छोड देते है तो एमडीआर टीबी बन सकती है। पूरा कोर्स पक्का ईलाज और टीबी हारेगा देश जीतेगा स्लोगन के बारे में जानकारी दी। डा. बुलबुल उप-सिविल सर्जन (आरकेएसके, आरबीएसके) यमुनानगर ने सभी डाक्टर को रैफरल बढाने की सलाह दी इसके अतिरिक्त एनटीईपी स्टाफ भी शामिल रहा।