हरियाणा: कुरुक्षेत्र:-तीन नये कृषि कानूनों से किसान होंगे आर्थिक तौर पर सशक्त..कृषि सुधारों का विरोध कर कांग्रेस समेत विपक्षी दल केवल सरकार का विरोध करने के नाम पर भी किसानों को गुमराह व भड़काने का काम कर रहे हैं। सांसद नायब सैनी।
December 08, 2020
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तीन नये कृषि कानूनों से किसान होंगे आर्थिक तौर पर सशक्त..कृषि सुधारों का विरोध कर कांग्रेस समेत विपक्षी दल केवल सरकार का विरोध करने के नाम पर भी किसानों को गुमराह व भड़काने का काम कर रहे हैं। सांसद नायब सैनी।
यमुनानगर, 8 दिसम्बर( )-कुरूक्षेत्र से सांसद नायब सिंह सैनी ने कहा कि कृषि सुधारों के विरोध से विपक्ष का दोहरा चरित्र उजागर हुआ है। उन्होंने कहा कि कृषि सुधारों का विरोध करने वाली कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दल जो इसका विरोध कर रहे हैं वे केवल सरकार का विरोध करने के नाम पर ही किसानों के हितों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी किसानों की आय को दोगुना करने के लिए ही नई.नई योजनाएं बना रहे हैं और तीन नये कृषि कानून भी इसलिए बनाये गये हैं कि किसानों की आमदनी बढ़े। उन्होंने कहा कि कांग्रेस झूठ की राजनीति करती है और उसने आज तक एक भी ऐसा कार्य नहीं किया जोकि किसान के लिए फायदेमंद हो।
उन्होंने कहा कि कृषि सुधारों की बात करने वाली पार्टियां किस प्रकार से अब किसानों का गुमराह कर अपनी.अपनी राजनैतिक रोटियां सेकने में लगी हुई है। उन्होंने कहा कि किसान संगठनों ने जो आपत्तियां नये कृषि कानूनो को लेकर उठाई हैं उसके लिए सरकार से बातचीत चल रही है और सरकार की ओर से किसानों की आशंकाओं को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है लेकिन कृषि सुधारों की बात करने वाले दलों का इसके खिलाफ खड़े हो जाना ऐसी पार्टियों के शर्मनाक चेहरे और दोहरे रवैये को उजागर करता है। उन्होने कहा कि काग्रेंस अपना राजनैतिक अस्तित्व बचाने के लिए ही किसानों को गुमराह व भड़काने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों का विरोध करना कृषि क्षेत्र के हित में नहीं है।
सांसद ने कहा कि कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्रों में एपीएमसी सुधार, आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 सुधार एवं करार संबधित कानून बनाने का वायदा किया थाए आज जब मोदी सरकार ने उन्हीं विषयों पर कानून बनाये हैं तो कांग्रेस व उसके सहयोगी दल किसानों को भड़काकर विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी कानून का फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य से कोई संबध नहीं है। एमएसपी था, है और भविष्य में भी रहेगा। इसमें किसी को संदेह नहीं होना चाहिए। कृषि मंडियों के अस्तित्व पर भी कोई प्रतिकूल प्रभाव नही पड़ेगा। कृषि मंडियों का अस्तित्व सुरक्षित रहेगा। पूर्व की भांति किसानए कृषि मंडियों मे अपने कृषि उत्पादों को न्यूनतम समर्थन मूल्य एमएसपी पर बेच सकेगा। नये कृषि कानूनों से कृषि क्षेत्र के विकास को नई दिशाएं मिलेगी। कृषि क्षेत्र आर्थिक रूप से सुदृढ होगा और इससे देश के किसान सशक्त होंगे। उन्होंने कहा कि जो लोग किसानों की रक्षा का ढिंढोरा पीट रहे हैं वे किसानों को अनेक बंधनों में जकड़कर रखना चाहते हैं। किसान और ग्राहक के बीच जो बिचौलिये होते हैं उनसे किसानों को बचाने के लिए यह कानून रक्षा कवच बनकर आए हैं। एक प्रकार से ये कृषि कानून किसानों को आजादी देने वाले हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कृषि सुधार से जुडे तीन नये कानूनों का विरोध कर राजनैतिक दल पैर जमाने की कौशिश में है।