यमुनानगर, 3 जनवरी( )भारत देश की पहली महिला शिक्षक, महान समाज सेविका व समाज सुधारक सावित्रीबाई फुले की 187 वीं जयंती पर शत-शत नमन है। यह संदेश कैबिनेट शिक्षा मंत्री कंवरपाल ने दिया
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हरियाणा सरकार में कैबिनेट मंत्री कंवरपाल ने जानकारी देते हुए बताया कि महान सावित्रीबाई फुले का जन्म 3 जनवरी 1831 को हुआ था। वह भारत के पहले बालिका विद्यालय की पहली प्रिंसिपल थी। सावित्रीबाई फुले को भारत में सामाजिक सुधार आंदोलन की एक अहम शख्सियत माना जाता है। सावित्रीबाई फुले का विवाह 1840 में ज्योतिबा फुले से हुआ था, उन्हें महाराष्ट्र और भारत में सामाजिक सुधार आंदोलन में एक सबसे महत्वपूर्ण नागरिक के रूप में माना जाता है, उनको महिलाओं और दलित जातियों को शिक्षित करने के प्रयासों के लिए जाना जाता है। उन्होंने कहा कि सावित्रीबाई ने अपने जीवन को एक मिशन की तरह से जीया जिसका उद्देश्य था विधवा विवाह करवाना, छुआछूत मिटाना, महिलाओं की मुक्ति और दलित महिलाओं को शिक्षित बनाना।
कैबिनेट शिक्षा मंत्री कंवरपाल ने कहा कि वे एक कवियत्री भी थीं उन्हें मराठी की आदि कवियत्री के रूप में भी जाना जाता था, जब सावित्रीबाई फुले वे स्कूल जाती थीं, तो विरोधी लोग उन पर पत्थर मारते थे, उन पर गंदगी फेंक देते थे। आज से 171 साल पहले बालिकाओं के लिये जब स्कूल खोलना पाप का काम माना जाता था कितनी सामाजिक मुश्किलों से उन्होंने बालिका विधालय खोला होगा। सावित्रीबाई पूरे देश की महानायिका हैं, हर बिरादरी और धर्म के लिये उन्होंने काम किया। जब सावित्रीबाई कन्याओं को पढ़ाने के लिए जाती थी तो रास्ते में लोग उन पर गंदगी, कीचड़, गोबर, विष्ठा तक फैंका करते थे।
उन्होंने कहा कि सावित्रीबाई एक साड़ी अपने थैले में लेकर चलती थीं और स्कूल पहुँच कर गंदी कर दी गई साड़ी बदल लेती थी, अपने पथ पर चलते रहने की प्रेरणा बहुत अच्छे से देती थी। भाजपा जिलाध्यक्ष राजेश सपरा ने सावित्रीबाई फुले को नमन करते हुए कहा कि उनके प्रयासों से भारतीय समाज में महिलाओं के प्रति सोच में सकारात्मक बदलाव आया व सावित्रीबाई फुले आज सारे भारत में पूज्यनीय है।
इस दौरान भाजपा जिलाध्यक्ष राजेश सपरा, भाजपा नेता निश्चल चौधरी, जिला महामंत्री कृष्ण सिंगला, जिला महामंत्री सुरेंद्र बनकट व भाजपा जिला मीडिया प्रभारी कपिल मनीष गर्ग मौजूद रहे।

